ISRO की निगाह टिकी लूनरक्राफ्ट पर, मिलेगी विक्रम लैंडर की खबर
भारत के लैंडर विक्रम के लिए आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज नासा इ सकी इमेज खींचने की पहली कोशिश करने वाला है। नासा इसके लिए Lunar Reconnaissance Orbiter का इस्तेमाल करेगा। नासा का यह ऑर्बिटर वर्ष 2009 से ही चांद के चक्कर लगा रहा है। आज यही LRO उस जगह से गुजरेगा जहां पर लैंडर विक्रम चांद की सतह पर पड़ा है। आज जिस मिशन को नासा अंजाम देने वाला है उसके लिए LRO की ऊंचाई को 100 किमी से 90 किमी किया जाएगा।
नासा का ल्यूनारक्राफ्ट आज के अपने इस मिशन में कामयाब हो गया तो यह भी काफी बड़ी उपलब्धि होगी। आपको बता दें कि चंद्रयान 2 के तहत छोड़ा गया ऑर्बिटर अब भी चांद के चक्कर लगा रहा है। इसने ही 9 सितंबर को सबसे पहले लैंडर विक्रम की थर्मल इमेज खींची थी जिसके तहत उस जगह का पता चल सका था जहां आज लैंडर मौजूद है। नासा का आज का मिशन बेहद खास है और वह विक्रम को दोबारा कामयाब करने में मदद कर सकता है। नासा के जिन दो एस्ट्रॉनॉ्टस का जिक्र ऊपर किया गया है वह इस पूरे मिशन पर निगाह रखे हुए हैं। आपको फिर से बता दे कि चांद पर उतरने की 15 मिनट की प्रक्रिया पहले से ही लैंडर विक्रम के लिए बेहद मुश्किल थी। इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाह लगी थी।