सरकार गठन की कोशिशें राष्ट्रपति शासन के बाद भी रहीं तेज

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर फंसा पेंच जब नहीं सुलझा तो आखिरकार राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है जिसके तहत अब महाराष्ट्र में अगले 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है. लेकिन इस बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने हार नहीं मानी है. बगता दे मंगलवार को कांग्रेस नेताओं का एक दल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से सरकार गठन को लेकर बातचीत करने पहुंचा था. वहीँ एक दौर की चर्चा के बाद एनसीपी और कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि “पहले हम आपस में बात करेंगे उसके बाद ही शिवसेना से बात होगी.”

बता दे मंगलवार का दिन महाराष्ट्र में बहुत ही गहमागहमी भरा रहा था और एनसीपी पर बहुमत बटोरने की जद्दोजहद साफ नजर आ रही थी. इसी बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने एक ट्वीट कर माहौल और गर्म करते हुए लिखा था, ‘कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए कोई नैतिक अधिकार नहीं है, ये बीजेपी और शिवसेना का फेलियर है कि उन्होंने राज्य को राष्ट्रपति शासन के कगार पर खड़ा कर दिया है’.

POSTED BY : KRITIKA

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