केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने दिया बयान

यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति होती तो अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को बचाया जा सकता था। तो वहीँ यह दावा उस समय केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने करते हुए कहा, तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इस घटना से पहले गृह मंत्रालय द्वारा तैयार समग्र आकस्मिक योजना खारिज नहीं की होती, तो ढांचे को बचा लिया गया होता।

तो वहीँ अपनी नई पुस्तक में विवादित ढांचा ढहाए जाने से पहले और उसके बाद के घटनाक्त्रमों पर पूर्व गृह सचिव ने कहा, “बतौर प्रधानमंत्री राव ने इस महत्वपूर्ण विषय में सर्वाधिक अहम भूमिका निभाई, लेकिन दुर्भाग्य से वह एक निष्प्रभावी नेतृत्वकर्ता साबित हुए।”

बता दे “द बाबरी मस्जिद – राममंदिर डायलेमा : एन एसिड टेस्ट फॉर इंडियाज कांस्टीट्यूशन’ नाम की इस पुस्तक में उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वीपी सिंह भी समय पर कार्रवाई करने में नाकाम रहे। आगे गोडबोले ने कहा कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में विवाद के हल के लिए कुछ व्यावहारिक समाधान सुझाए गए थे, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया था।

POSTED BY : KRITIKA

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