भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आज करें पूजा, होगी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जल में निद्रा योग में चले जाते हैं। वह जल में निद्रा योग में होते हुए भी पूरी सृष्टि का ध्यान रखते हैं, इसलिए ही भगवान विष्णु के इस निद्रा योग को अशून्य शयन कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। भक्तों की आराधना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर देते हैं।
आपको बता दे अशून्य शयन व्रत का प्रमाण पद्मपुराण में मिलता है। अशून्य शयन के समय भगवान विष्णु चंद्रमा के उदय होने के बाद जल में योग निद्रा में जाते है। आज चंद्रमा उदय का समय शाम को 06:40 बजे है, इसके बाद भगवान विष्णु जल में योग निद्रा में जाएंगे।
भगवान श्रीहरि लगभग एक माह तक जल में ही निवास करते हैं। आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि यानी 15 अक्टूबर से कार्तिक पूर्णिमा यानी 12 नवंबर तक वे जल में ही शयन करेंगे। इस कारण से कार्तिक मास के स्नान का विशेष महत्व होता है। कार्तिक मास में नदी या सरोवर में स्नान मात्र से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
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RANJANA