इन राज्यों में भी भरा जा रहा मुख्यमंत्री और मंत्रियों का टैक्स
कई सालो से ऐसा होता आ रहे की उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल के मंत्रियों के कर का बोझ सरकारी खजाने पर आता है तो वही इस सूची में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सरकारी खजाने से साल 1981 के बाद से ही सभी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों का आयकर भरा जा रहा है। ऐसा तब से हो रहा है जब से यूपी के मंत्रियों के वेतन, भत्ते और विविध अधिनियम, 1981 को पास किया गया था। तो वहीं हिमाचल और हरियाणा में ऐसा 1966 के बाद से किया जा रहा है, जब ये दो राज्य पंजाब से अलग हुए थे।
पंजाब में, सरकारी खजाने से 18 मार्च, 2018 तक ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन, भत्ते और विभिन्न भत्तों पर कर का भुगतान किया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्वी पंजाब के मंत्रियों के वेतन अधिनियम, 1947 में संशोधन करके इस प्रथा को बंद कर दिया।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपसभापति और विपक्ष के नेता के कर का बोझ खजाने पर तब से पड़ रहा है जब से इस पर्वतीय राज्य को 9 नवंबर, 2000 को यूपी से अलग किया गया था। तब से, राज्य ने आठ मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों के करों का भुगतान अपने खजाने से किया है।
वहीं मध्यप्रदेश में राज्य के खजाने पर सभी रैंकों के मंत्रियों के साथ-साथ संसदीय सचिव के आयकर का बोझ 1 अप्रैल, 1994 से पड़ना शुरू हुआ है।