हिमाचल प्रदेश कोरोना के बीच देश-विदेश को सेहत की खुराक देने में जुटा :हिमाचल
हिमाचल प्रदेश कोरोना वायरस महामारी के बीच देश-विदेश को स्वास्थ्य की खुराक देने में लग गया है। यहां उपस्थित 550 फार्मा कंपनियों में से 386 में लॉकडाउन के बाद निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। हिमाचल प्रदेश की देश के दवा उत्पादन में भागेदारी 35 फीसदी है, यहां सभी जीवनरक्षक दवाओं का निर्माण वापस पटरी पर वापस आ रहा है। जबकि लॉकडाउन के वजह कुछ परेशानी सामने आ रही हैं, जिन्हें सरकार दूर करने में लगी है। इन औषधियां की आपूर्ति देश को हो रही है और विदेश को निर्यात भी किया जा रहा है।
इस दौरान फार्मा कंपनियों ने कहा है कि यदि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इन औषधियो की डिमांड तेज होती है तो इसके लिए भी पूरी तैयारी है। लॉकडाउन का असर दवा कंपनियों पर भी पड़ा है, लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं। विस्तृत उत्पादन होना शुरू हो गया है। यहां उपस्थित 550 फार्मा कंपनियों में से 386 में लॉकडाउन के बाद निर्माण कर इन जीवनरक्षक दवाओं, वैक्सीन व अन्य जरुरी दवाओं का निर्माण कार्य हो रहा है। फार्मा 12 कंपनियों ने में इड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा का उत्पादन किया जा रहा है।
सरकार ने कर्फ्यू के समय कच्चे माल की कमी के कारण दवा कंपनियों में उत्पादन को पूरी तरह रुकने नहीं दिया। चीन से कच्चे माल न आने के बाद गुजरात, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों से कच्चे माल की कमी पूरी करने का प्रयत्न कर रही है। जबकि दवा उत्पादन आधा रह गया है। इस समय डायबिटीज़ , दिल के रोग कई जीवन रक्षक औषधियो का निर्माण हो रहा है।
RANJANA