अमावस्या पर पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

वैशाख मास की अमावस्या 22 अप्रैल को है। इसी के साथ ही पंचांग भेद से 23 अप्रैल को भी अमावस्या तिथि है। कधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तारीख पर पितरों के लिए खास धूप-ध्यान करने की प्रथा है। कहा जाता है, अमावस्या के दिन पावन नदियों में स्नान करना चाहिए, परंतु इस साल कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन जारी है। इस हालात में घर पर शुद्ध नदियों के नामों का ध्यान करते हुए स्नान करें। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं और पूजा करें। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं।

अमावस्या तिथि पर देवताओं, ऋषियों एवं पितरों को जल दान करना चाहिए। इसके लिए एक लोटे में जल भरें, जल में फूल और तिल मिलाएं। इसके बाद ये जल पितरों को अर्पित करें। जल अर्पित करने के लिए जल हथेली में लेकर अंगूठे की ओर से चढ़ाएं। कंडा जलाकर उस पर गुड़-घी डालकर धूप अर्पित करें। पितरों का ध्यान करें।

RANJANA

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