देश के समग्र उत्थान में भागीदार होगी महिलाएं

महिलाएं कभी घरों में रहकर चूल्हे-चौके तक सीमित थी लेकिन अब समाज की विशेष पक्ष में शामिल हो चुकी हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं हैं, जहां पर महिलाओं ने अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। आधी आबादी ने अपने हक के लिए न सिर्फ आवाज उन्नत की है वरन् अपनी सामर्थ्य और काबिलीयत से लोगों को चकित भी किया है। महिलाओं ने खुद को आज जिस नमूना में ढाला है, उसने हर किसी को उन पर गर्व करने का अवसर दिया है। बलवान् होते भारत में एक सशक्त जिम्मेदारी महिलाओं की है, जिसे उन्होंने भली–भाँति निभाया है।

POSTED BY
RANJANA

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