निचले स्तर से कच्चे तेल में देखने को मिली रिकवरी
पिछले कई दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में हल्की रिकवरी देखने को मिली है. ब्रेंट क्रूड का भाव 12 सेंट या 0.21 फीसदी की तेजी के साथ 58.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं, WTI क्रूड 20 सेंट या 0.37 फीसदी चढ़कर 54.14 डॉलर प्रति बैरल पर था. मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं. अमेरिका में अगस्त में मैन्यूफैक्चरिंग के आंकड़ें अनुमान से कम रहने पर कल कच्चे तेल में गिरावट आई थी.
ऑयल एंड एनर्जी की कीमत और अन्य विवरण देखें कमोडिटी बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में आर्थिक आंकड़े खासतौर से मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार 3 साल के निचले स्तर पर आने से कच्चे तेल की मांग में कमी का अनुमान है. हालांकि, आज की तेजी की वजह चीन में सर्विस सेक्टर में सुधार का संकेत रहा है. चीन में सर्विस सेक्टर में नए आर्डर बढ़े हैं. चीन दुनिया का कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. अमेरिका इस मामले में नंबर एक पर है. हालाकि, ट्रेड वॉर बढ़ने का असर कच्चे तेल के बाजार पर साफ नजर आ रहा है. इसके अलावा, दक्षिण कोरिया में जारी आर्थिक आंकड़ों से दुनियाभर की उभरती अर्थव्यवस्थाओं को लेकर चिंता पैदा हुई है.
साथ ही कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले देशों के संगठन ओपेक और गैर-ओपेक देश रूस की तरफ से उत्पादन बढ़ने से कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. अमेरिका ने फुटवियर, टीवी पैनल समेत कई चीनी सामानों पर 15% टैरिफ लगाया है. इसके पहले चीन ने अमेरिकी कच्चे तेल पर 5 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इस तरह से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर बढ़ता नजर आ रहा है . इससे कच्चे तेल की मांग में कमी की आशंका जताई जा रही है. दक्षिण कोरिया के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के कारण दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही के दौरान अनुमान से कम बढ़ी है.