372 करोड़ का पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम लगाएगा एनएसपीसीएल प्लांट
छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नगरी भिलाई के पुरैना स्थित एनएसपीसीएल प्लांट पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है जिसके तहत यह प्लांट जहरीजी गैस को नियंत्रित करने 372 करोड़ की लागत के पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम लगाएगा। जिसके बाद प्रबंधन ने दावा किया है कि उनका यह प्लांट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों का पालन प्रदेश का पहला पावर प्लांट बन जाएगा।
देशभर के प्लांट को मिली नोटिस
एनजीटी ने देशभर के पावर प्लांट को नोटिस जारी कर पर्यावरण को बचाने की दिशा में जरूरी कदम उठाने कहा है तो वही कहा जा रहा है की दिसंबर 2022 तक पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर उसके मापदंडों के पालन करना अनिवार्य है। इसी वजह से एनटीपीसी अपने सभी प्लांट में पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम को अपग्रेड करने की दिशा में पहल कर रहा है।
पुरैना प्लांट में सल्फर डाइऑक्साइड का पॉल्यूशन लेवल 600 पीपीएम होना चाहिए लेकिन प्लांट में इसका स्तर 850 पीपीएम तक है। इसी तरह नाइट्रोजन आक्साइड का लेवल 300 पीपीएम तक निर्धारित है लेकिन पुरैना प्लांट 450 पीपीएम तक छोड़ हो रहा है। हवा की नमी के साथ मिलने पर यह गैस अधिक जहरीली हो जाती है। इन गैस से त्वचा संबंधी बीमारी होती है। वहीं सांस लेने में परेशानी व फेफड़े से संबंधित रोग होने की आशंका बनी रहती है।
एनएसपीसीएल के पुरैना में 250 मेगावाट के दो प्लांट हैं और वही कोयले की कमी के कारण बीते सात महीने से 60 प्रतिशत बिजली का उत्पादन हो पा रहा है। उसे हर दिन 8 हजार टन तक कोयले की जरूरत होती है।