2050 के बाद हो सकती है समुद्री ग्रीष्म लहरें,खतरनाक
बढ़ते वैश्विक ताप के कारण समुद्री ग्रीष्म लहरें, अल नीनो प्रभाव और प्रचंड चक्रवात जैसी चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके खतरनाक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस रिपोर्ट में महासागरों और हिममंडल ग्लेशियर, बर्फ से ढके समुद्री क्षेत्र, बर्फ की चादर ओढ़े जमीनी क्षेत्र पर वैश्विक ताप के कारण पड़ रहे दुष्प्रभावों को लेकर सचेत किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, भारत समेत हिंद महासागर से सटे अन्य देश इन चरम घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2015-16 में आधुनिक युग का सबसे प्रचंड अल नीनो प्रभाव दर्ज किया गया। अल नीनो आमतौर पर करीब दो से सात साल के अंतराल पर होते हैं। पूर्वी प्रशांत महासागर में तापमान गर्म होने से अल नीनो का असर पूरी दुनिया के मौसम पर पड़ता है। मध्यम अल नीनो के कारण भी भारत में मानसून की बरसात कम या अनियमित हो सकती है।