सूर्य ग्रहण के बाद तुलसी के पास जलाएं दीपक
आज पौष मास की अमावस्या है। सूर्य ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा प्रचलित है। साथ ही अमावस्या तिथि पर सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
आज के दिन अमावस्या के योग में भगवान विष्णु और लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। कहा जाता है कि गुरु ग्रह के लिए भी पूजन किया जाता है। इस वार का कारक ग्रह गुरु ही है। इसीलिए गुरुवार को शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाएं। गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में ही की जाती है। शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
साथ ही आज के दिन सूर्यास्त के बाद हनुमान के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यदि आपके पास पर्याप्त समय हो तो सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। हनुमानजी को फलों का भोग लगाएं।
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RANJANA