शोधकर्ताओं ने विकसित किया सामुदायिक वाटर डिफ्लुरिडेशन संयंत्र

भारतीय शोधकर्ताओं ने फ्लोराइड युक्त जल को पीने योग्य बनाने के लिए एक सामुदायिक संयंत्र विकसित किया है, जो फ्लोराइड ग्रस्त इलाकों में फ्लोराइड को भूमिगत जल से अलग करने में मददगार हो सकता है।

बंगाल के दुर्गापुर स्थित केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया यह सामुदायिक वाटर डिफ्लुरिडेशन संयंत्र है। इसका विकास हानिकारक सूक्ष्मजीवों और फ्लोराइड युक्त जल के शोधन के लिए किया गया है। आपको बता दे यह नई तकनीक पानी में फ्लोराइड के स्तर को उसकी शुरुआती मात्रा से सात गुना तक कम कर सकती है। साथ ही पानी का उपयोग सुरक्षित पेयजल के रूप में करके फ्लोराइड के खतरे से बचा जा सकता है।

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