वृश्चिक संक्रांति के दिन करे सूर्यदेव की पूजा
हिन्दू पंचांग के मुताबिक हर वर्ष में 12 संक्रांति आती हैं और हर राशि में सूर्यदेव एक माह तक रहते हैं। सूर्यदेव के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता है। सूर्यदेव जब तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है।
आपको बता दे संक्राति को पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। वृश्चिक संक्रांति का दिन धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वृश्चिक संक्रांति पर व्रत पूजन करने से धन से जुड़ी समस्याओं का निदान होता है। संक्रांति के दिन दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सूर्यदेव की पूजा करें। पानी में लाल चंदन मिलाकर तांबे के लोटे से सूर्यदेव को जल और लाल पुष्प चढ़ाये, इस संक्रांति पर दीपदान और वस्त्रदान का भी बड़ा महत्व है। कहा जाता है सूर्यदेव की पूजा से हर रोग दूर हो जाते है,
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RANJANA