अमित शाह ने कहा, वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘गुप्तवंशक-वीर: स्कंदगुप्त विक्रमादित्य’ का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की तब उनकी सोच जो भी रही हो, लेकिन स्थापना के इतने वर्षों बाद भी ये विश्वविद्यालय हिंदू संस्कृति को अक्षुण रखने के लिए अडिग खड़ा है और हिंदू संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है.
इसी दौरान अमित शाह ने कहा कि वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती, उसे भी हम अंग्रेजों की दृष्टि से देखते. वीर सावरकर ने ही 1857 की लड़ाई को पहला स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया
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RANJANA .
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