विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश जारी : ISRO
ISRO ने मंगलवार को ट्विटर पर ट्वीट करके बताया कि लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए तमाम वैज्ञानिक जुटे हुए हैं लेकिन अब तक किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है। बता दें कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर अपने स्थान पर पहुंच कर बेहतर काम कर रहा है तो वही ऑर्बिटर द्वारा ही विक्रम लैंडर को लोकेट किया गया है ।
फिलहाल यह पता चला है की ऑर्बिटर चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर की दूरी पर सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है। हालांकि, 2379 किलो वजन के ऑर्बिटर को एक साल तक के मिशन के लिए प्रोग्राम किया गया है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि उसमें इतना ईंधन है कि वह सात सालों तक अपना काम जारी रखेगा।इसरो के अनुसार, चंद्रयान 2 काफी जटिल मिशन थी। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच नई जानकारियां देने वाले थे। लेकिन कुछ कारणों से चंद्रमा की सतह से कुछ दूर पहले ही पृथ्वी का संपर्क लैंडर से टूट गया I
22 जुलाई को चंद्रयान 2 के लांच के बाद से ही न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की उम्मीदें इसपर थी।