राष्ट्रपति शासन को रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
राजनीतिक उठापटक के अखाड़े के रूप में महाराष्ट्र ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। पहले शिवसेना की जिद और उसके बाद राकांपा और कांग्रेस की रणनीति में प्रदेश की राजनीति इतनी उलझी कि नतीजा आने के एक पखवाड़े बाद आखिरकार वहां राष्ट्रपति शासन लग गया। राज्यपाल के बुलावे पर भाजपा ने सरकार बनाने से इन्कार कर दिया और शिवसेना व राकांपा तय वक्त में बहुमत का आंकड़ा दिखाने में नाकाम रहीं।
इसलिए मंगलवार दोपहर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी और कैबिनेट की मुहर लगने के बाद शाम तक राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी भी दे दी। इस दौरान विधानसभा निलंबित रहेगी। हालांकि, शिवसेना सरकार गठन के लिए कम समय दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच गई है, लेकिन मंगलवार को उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। गृह मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अपनी अनुशंसा में साफ लिखा कि वहां सरकार बनाने की हर कोशिश की गई, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाना ही उचित होगा।
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RANJANA