महालक्ष्मी का सोरहिया व्रत (16 दिन का महापर्व) हुआ शुरू
शुक्रवार दिन यानि 06 सितंबर आज से महालक्ष्मी का सोरहिया व्रत प्रारम्भ हो गया है। यह 16 दिन का महापर्व होता है जिसमे माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है। महालक्ष्मी व्रत के लिए श्रीसूक्त के 16 मन्त्र होते हैं। यदि हम 16 दिन तक 16 मंत्रों वाले श्रीसूक्तम् का पाठ करेंगे, तो मातालक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, संपदा और वैभव का आशीर्वाद देंगी I
महालक्ष्मी के बीज मन्त्र का जाप:
यदि किसी कारणवश आप से 16 मंत्रों वाले श्रीसूक्तम् का पाठ नहीं हो पाता है, तो आप महालक्ष्मी के बीज मन्त्र का 108 बार जाप कर सकते हैं। इससे भी माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होंगी और आपके घर में सदा वास करेंगी।
बीज मन्त्र-
“ ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।”
महालक्ष्मी व्रत पूजन-विधि
सफ़ेद कमल या कोई भी कमल का पुष्प, सफ़ेद दूर्वा, कमलगट्टा, धूप, दीप, गंधादि से माता लक्ष्मी का पूजन करें। फिर किशमिश या सफ़ेद बर्फ़ी का भोग लगाकर श्री सूक्तम् का पाठ करें। या फिर बीज मन्त्र का जाप करें।
इसके पश्चात कपूर से आरती करें — ॐ जय लक्ष्मी माता….।। का गान करने से लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।