भारत रत्न नानाजी का नाम लेते ही ताजा हो जातीं समृद्धि की यादें
यूपी-एमपी के चित्रकूट क्षेत्र में भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख का नाम आते ही समृद्धि अभियान की यादें हर किसी के मन में नयी हो जाती हैं। उन्होंने खुद के अभावग्रस्त जीवन से सीख लेकर सुधार का का ऐसी शृंखला कड़ी की, जो वर्तमान में तमाम प्रकल्पों संग किसानों और युवाओं को बेहतरी की राह दिखा रहा है।
अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र के हिंगौली जिले के कंडोली गांव में जन्मे नानाजी देशमुख ताउम्र स्वयं सेवक रहे। जनता पार्टी की सरकार में मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल हुए। मध्यप्रदेश सतना के चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की। दिल्ली समेत कई प्रांतों के बाद चित्रकूट में कृषि, शिक्षा, साहित्य, ग्रामीण विकास व उद्यमिता पर काम कर 500 गांवों को स्वतंत्रता की राह दिखाई। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उनको राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया गया था।
RANJANA