भारतीय वैज्ञानिक ने विकसित किया एक विशिष्ट सॉफ्टवेयर कोड

कोरोना वायरस से लड़ रही विश्व को एक बार फिर भारतीय वैज्ञानिको ने आशा की नई किरण दिखाई है। इसी बीच चेन्नई की एक यूनिवर्सिटी से बीटेक कर चुके भरत नारायणन ने एक नई तकनीक ईजाद की है जो सिर्फ कुछ ही सेकंड में और 98 फीसदी सही कोरोना की जानकारी दे सकती है।

इस दौरान वैज्ञानिक नारायणन ने एक विशिष्ट सॉफ्टवेयर कोड तैयार किया है जो छाती के एक्स-रे को स्कैन करके कोरोना वायरस की बीमारी का पता लगा सकता है। यह प्रक्रिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक डीप लर्निंग एल्गोरिथ्म का उपयोग करती है, जिसे कोरोना वायरस से जुड़े निशानों की खोज करने के लिए बीमार और स्वस्थ लोगों के फेफड़ों के एक्स-रे स्कैन का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है। यह स्वास्थ्य पेशेवरों को तेजी से दर पर मरीजों के लक्षण और इलाज में सहायता मिल सके।

RANJANA

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