भगवान परशुराम की पूजा करने से सभी कष्टों का होगा निवारण

सात चिरंजीवियों अश्वत्थामा, राजा बलि, परशुराम, विभीषण, महर्षि व्यास, हनुमान, कृपाचार्य इनमें से भगवान परशुराम एक हैं। परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार एवं ब्राह्म्ण जाति के कुल गुरु जिनकी जयंती वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया के दिन मनाई जाती है। इस दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह अटूट रहता है मतलब इस दिन किए जाने वाला दान का कभी भी नाश नहीं होता है। सतयुग का प्रारंभ अक्षय तृतीया से ही माना जाता है। भगवान शिव के परम भक्त परशुराम न्याय के देवता हैं, जिन्होंने इस पृथ्वी को 21 बार क्षत्रिय विहीन किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से हुआ। परशुराम जी के अवतरण तिथि को परशुराम जयंती के के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त व्रत, पूजन के साथ मौन व्रत भी रखते हैं।

RANJANA

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