बच्चो को ना पूछे यह सवाल, जाने क्या है सवाल
आज के बिजी शेड्यूल में यह संभव है कि माता-पिता न चाहते हुए भी अपने बच्चे की हेल्थ की अनदेखी कर दें. उदाहरण के लिए, बच्चों को पैकेटबंद खाना खिलाना, बाहर से अधिक खाना खाना, नींद न आना, पढ़ाई के कारण शारीरिक गतिविधि में कमी. ये कुछ तरीके हैं जिनसे बच्चे का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. बच्चों के लिए सिम्पल और पौष्टिक डिनर होना चाहिए . माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने बच्चों को सप्ताह में कम से कम छह दिन पौष्टिक भोजन दें. इसमें दाल और चावल, खिचड़ी, रोटी और सब्जी शामिल हो सकती है. ये खाद्य पदार्थ बेहद पौष्टिक होते हैं और इनमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इसके अलावा, ये पारंपरिक व्यंजन पूरी तरह से संतुलित होता है. इसके अलावा, रात के खाने के लिए विविधता नहीं होनी चाहिए.सभी पारंपरिक भोजन जैसे चपाती और सब्जियां, दाल और चावल, खिचड़ी और कढ़ी पौष्टिक आवश्यकता को पूरा करते हैं. यह गहरी नींद को भी सुनिश्चित करते हैं. व्यंजनों में हेल्दी वसा घी को शामिल करना न भूलें.
बच्चों को रात के खाने के लिए क्या नहीं देना चाहिए:
१. वैरायटी: अपने बच्चों को हर रोज अलग-अलग तरह को खाना न दें.
२. सुपर-सुविधाजनक डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ: अपने बच्चों को रेडी टू कूक फूड जैसे नूडल्स, पास्ता और फ्रोजन फूड देने से बचें. ये भोजन अस्वास्थ्यकर हैं क्योंकि ये कोई पोषण मूल्य प्रदान नहीं करते हैं. इसके अलावा, इन खाद्य पदार्थों में चीनी और अन्य संरक्षक शामिल हैं जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
३. बहार का खाना ऑर्डर करना: बच्चों को घर का बना पौष्टिक भोजन देना सबसे अच्छा है. अपने बच्चों को बाहर से खाना लाने या ऑर्डर करने का अधिकार न दें. इनमें पोषक तत्व नहीं होते हैं और ये अक्सर बच्चों को डिहाइड्रेटेड रखते हैं. इतना ही नहीं यह बच्चों की नींद को भी प्रभावित करते हैं.
४. बाहर खाना: माता-पिता को अपने बच्चों को महीने में दो बार से अधिक बाहर खाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. बाहर से खाना बच्चों को पोषक तत्वों की दैनिक आवश्यकता को पूरा नहीं करता है.आप अपने बच्चों को घर पर सप्ताह में एक बार डिनर में अलग-अगल तरह की डिशेज दे सकते हैं. आदर्श रूप से यह शनिवार का दिन होना चाहिए.