बच्चों में विकसित करें कृतज्ञ होने का भाव

घमंड अधिकार, हर वस्तु, हर रिश्ते पर मेरा हक वाली भावना को दूर रखने के लिए विनम्र होने का भाव सहायक होती है। हम हवा, पानी, धरती, आसमान सबके लिए प्रकृति का आभार मानते हैं, वैसे ही हमें मिली हर सुविधा के लिए माता-पिता के उपकृत होते हैं। इस भाव को बच्चों में विकसित और पोषित करें।

इसी प्रकार बच्चे यदि किसी तरह का अप्रिय व्यवहार करें तो उन्हें उसी वक्त रोकना जरूरी है। पर एक बात का ख्याल रखें कि यहां बच्चे को रोकने से मतलब उसका अपमान करना नहीं है, बल्कि समझाना है। इसेमाता-पिता बच्चे के लिए प्रेरणास्रोत बनकर इन बातों को सिखा सकते हैं।

आपको बता दे बच्चों को ये जानना भी जरूरी है कि उनके द्वारा किए गए व्यवहार का असर अन्य लोगों पर होता है। इसके लिए उनसे बात करें और बताएं कि उनके द्वारा कहे गए शब्द सामने वाले व्यक्ति को दुख दे सकते हैं। बच्चों को समझाने के लिए उन्हें उनकी तरह के उदाहरण दे सकते हैं, जैसे वे फलां बच्चे को खेलने नहीं ले जाएंगे, तो उसे बुरा लगेगा या अगर कोई खेल कोई बच्चा ढंग से नहीं खेलता, तो उसे छोड़ देना बच्चे का दिल दुखा सकता है, इस तरह के उदाहरण बच्चों को दूसरों के प्रति ठीक तरह से व्यवहार करने व सहानुभूति का पाठ भी पढ़ाते हैं।

POSTED BY
RANJANA

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