बच्चों को जरूर दे फर्स्ट एड के ये 5 बेसिक टिप्स
फर्स्ट एड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दुनियाभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तो वहीँ इसका मकसद लोगों को जानकारी देना है कि घटनाओं, एक्सीडेंट और इमरजेंसी की हालत से किस तरह से निपटा जाए. आपको बता दे की फर्स्ट एड की बेसिक जानकारी बच्चों को देना बहुत जरुरी है.
सांस न आने की स्थिति में:
अगर कोई आपके सामने अचेत अवस्था में पड़ा हो और बार-बार बुलाने या हाथ हिलाने पर भी जवाब न दे तो उसे तुरंत जमीन पर पीठ के बल लेटा दें और चेक करें कि उसकी सांसे चल रहीं है या नहीं. सिर पीछे कर सीने पर दबाव डालकर तेजी से रगड़ें. अगर फिर भी व्यक्ति की सांस ना आए तो इमरजेंसी नंबर पर कॉल करने की जानकारी जरूर दें.
सांस आ रही हो लेकिन कुछ रिस्पॉन्स न आए:
अगर किसी की सांस तो चल रही हो लेकिन वो फिर भी कोई प्रतिक्रिया न दे तो पहले उन्हें आराम से बैठाएं. फिर सिर पीछे की तरफ कर दें. इससे उन्हें सांस लेने में आसानी होगी.
. ज्यादा खून बहने पर:
जिस जगह से खून बह रहा हो उसे रोकने की कोशिश करें और तभी किसी कपड़े को चोट की जगह लगाकर उसे दबाएं और खून रोकने की कोशिश करें. तो वहीँ कोशिश करें कि कोई ठंडी चीज उनके जख्म पर लगाएं ताकि खून बंद हो जाए .
सिर पर चोट लगी हो तो:
सिर पर चोट लगना जानलेवा भी हो सकता है तो वहीँ सिर पर चोट आने की स्थिति में चोट पर ठंडी चीज लगाएं. आप चाहें तो तौलिए में ठंडी हरी पत्तेदार सब्जियां बांधकर उसे चोट की जगह लगा सकते हैं. इससे सूजन कम होगी.
दम घुटने के दौरान:
सीने या गर्दन में जकड़न होने से कभी-कभी दम घुटने की शिकायत में सांस लेने या खांसने में दिक्कत होती है. इस स्थिति में मरीज की पीठ को रगड़ें और थोड़ा थपथपाएं. इससे उन्हें सांस लेने में थोड़ी आसानी होगी.