जाने जीवन में सफलता पाने के लिए संत कबीर के खास दोहे

कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. उनकी रचनाओं ने हिंदी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया. जीवन की आपाधापी में हर इंसान अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाथ-पांव मार रहा होता है, लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ना बिल्कुल आसान नहीं होता.

अधिकतर आपकी साधना के मार्ग या फिर लक्ष्य की राह में तमाम मुश्किलें आने लगती हैं. एक आम आदमी को समाज में आज जो भी समस्याएं या मुश्किलें दिखाई दे रही हैं, उनके बारे में संत कबीर ने बहुत पहले ही विस्तार से चर्चा कर दी थी. साथ ही उनके व्यवहारिक समाधान भी बताए थे. आइए जाने जिंदगी को सही से जीना सिखाने वाली ऐसी ही कबीर की कुछ दिव्य वाणी का सार

गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय।

ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर,
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान

POSTED BY
RANJANA

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