जाने गायत्री मंत्र के जाप का सरल तरीका
मां गायत्री को वेदमाता भी कहा गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र के जाप को जीवन के लिए आवश्यक बताया गया है. हिंदू धर्म में चार वेद हैं जिनका नाम है- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. इन सबमें ही वेदमाता गायत्री और गायत्री मंत्र के जप का उल्लेख मिलता है. कहा जाता है अगर आप पूरे दिन में तीन बार भी गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपका जीवन सकारात्मकता की तरह प्रेरित होता है और नकारात्मकता जाती रहती है. यह भी माना जाता है कि मां गायत्री भक्तों के दुखों का विनाश करने वाली हैं.
ॐ – ईश्वर , भू: – प्राणस्वरूप , भुव: – दु:खनाशक, स्व: – सुख स्वरूप, तत् – उस , सवितु: – तेजस्वी, वरेण्यं – श्रेष्ठ, भर्ग: – पापनाशक, देवस्य – दिव्य, धीमहि – धारण करे, धियो – बुद्धि ,यो – जो, न: – हमारी , प्रचोदयात् – प्रेरित करे. इसे अगर जोड़कर देखा जाए तो इसका अर्थ होगा- ‘उस, प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुख स्वरुप, तेजस्वी, श्रेष्ठ, पापनाशक, दिव्य परमात्मा (ईश्वर) को हम अपनी अंतरात्मा में धारण करें. जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे.
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RANJANA