जस्टिस गोगोई ने एनआरसी पर दिया बयान
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर लागू करने का समर्थन किया है। वहीँ उन्होंने इसे भविष्य के लिए मूल दस्तावेज बताते हुए कहा- इससे पहले राज्य में अवैध प्रवासियों की संख्या के बारे में केवल अनुमान लगाया जाता था। इसके चलते राज्य में घबराहट, भय, अराजकता और हिंसा का दौर शुरु हो गया था।
साथ ही जस्टिस गोगोई ने कहा कि एनआरसी कोई नया या अद्भुत विचार नहीं है। तो वहीँ 1951 में ही इस पर काम किया जा चुका है और वर्तमान एनआरसी केवल 1951 के आंकड़ों को दुरुस्त करने की कवायद भर है। बता दे जस्टिस गोगोई यहां ‘पोस्ट कॉलोनियल असम (1947-2019)’ नाम की किताब के विमोचन के मौके पर बोलते हुए कहा, “उद्देश्य स्पष्ट है, अवैध प्रवासियों की संख्या जानने के लिए एक प्रक्रिया तय होनी बहुत जरूरी थी, जो वर्तमान एनआरसी के जरिए हो रही है। न इससे कम, न इससे ज्यादा। एनआरसी इसके लिए सबसे शांतिपूर्ण तरीका है। इसके जरिए राज्य के लोग क्षेत्र की संस्कृति और समुदाय को प्रभावित करने वाली गलतियों को सुधारने की उम्मीद रखते हैं। ”
POSTED BY : KRITIKA