खतरनाक है साल्मोनेला बैक्टीरिया
साल्मोनेला बैक्टिरिया एक जानलेवा बीमारी है इसको साल्मोनेला बैक्टिरिया के ग्रुप के नाम से जाना-जाता था. जो आपकी आंतों को प्रभावित करती है. साल्मोनेला बैक्टिरिया जानवरों जैसे अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों के आंतों में भी पाया जाता है. इसके साथ ही ये बैक्टिरिया सांप, कछुए और छिपकली से भी फैलता है.
साल्मोनेला बैक्टिरिया के संक्रणित जानवरों के द्वारा ये दूसरे जानवरों में भी फैलता है. वहीं, दूसरी तरफ मनुष्यों में यह कच्चा मांस, अंडा या उससे बने प्रोडक्ट्स, बीफ या उससे बने प्रोडक्ट्स से फैलता है.
आपको बता दे बता दें, ये बैक्टिरिया छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा होता है. इसके साथ ही अगर आपको कुछ खाने के 12 से 36 घंटों के भीतर यहां दिए गए लक्षण नज़र आए तो हो सकता है कि आप साल्मोनेला बैक्टिरिया से संक्रमित हो गए हैं.
ये बैक्टिरिया जानवरों, मनुष्यों और पक्षियों के आंत में रहता है. यह बैक्टिरिया संक्रमित व्यक्ति के मल में रहता है. साल्मोनेला बैक्टिरिया से संक्रमित खाना खाने से ही व्यक्ति इसकी चपेट में आता है.
टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली बहुत खतरनाक बीमारी है. इसमें पीड़ित व्यक्ति के पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में साल्मोनेला बैक्टिरिया प्रवेश कर जाते हैं, जिससे डायरिया, कमज़ोरी, उलटी, बुखार और दर्द होता है. गंदे पानी, संक्रमित जूस या भोजन की वजह से साल्मोनेला बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश करता है.
साल्मोनेला बैक्टिरिया में उलटी और डायरिया की वजह से पीड़ित के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. क्योंकि कुछ खाना या पानी पचता नहीं है. इसलिए मरीज को हल्का खाना और फ्रेश जूस और इलेक्ट्रोलाइट पिलाया जाता है. साथ ही एंटी-बायोटिक देकर इंफेक्शन को खत्म किया जाता है.