क्या है गोवर्धन पूजा और सही विधि, जाने
गोवर्धन पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को होता है। तो वहीँ इस दिन गोवर्धन और गौ माता की विशेष पूजा की जाती है, जिसका अपना एक खास महत्व है। इस पर्व को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है। वहीँ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सुबह मकान के द्वारदेश में गौ के गोबर का गोवर्धन बनाया जाता है। बता दे गाय के गोबर से बने गोवर्धन के शिखर प्रयुक्त, वृक्ष-शाखादि से संयुक्त और पुष्पादि से सुशोभित करने का विधान है।
साथ ही अनके स्थानों पर गोवर्धन को मनुष्य के आकार का बनाया जाता है और उसे फूल आदि से सजाया जाता है साथ ही
गोवर्धन धराधार गोकुलत्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव।।
‘लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु।।’
इस मंत्र का जाप करे और मंत्र से प्रार्थना करके रात्रि में गौ से गोवर्धन का उपमर्दन कराएं।
POSTED BY : KRITIKA