करवा चौथ पर छलनी से ही क्यों देखा जाता है पति का चेहरा – आइये जाने?
आज करवा चौथ का व्रत है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रख अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। इसलिए यह व्रत खासकर सुहागिनों के लिए काफी महत्व रखता है। इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी लेने से होती है और पूरा दिन भूखे प्यासे पहकर शाम को माता पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा की जाती है।
आपको बता दे शादीशुदा महिलाएं इस दिन व्रत कथा भी ज़रूर सुनती हैं। जिसके बिना इस खास व्रत को अधूरा माना जाता है। जिसके बाद सभी चांद निकले का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।
इस व्रत में चंद्रमा को अघर्य देकर व्रत को खोला जाता है। इसके बाद महिलाएं छलनी से चांद के दर्शन करती हैं और पूजा कर व्रत को सम्पन्न करती हैं। तो आइये जाने कि इस दिन चांद और पति का चेहरा आखिरकार छलनी से ही क्यों देखा जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि चंद्रमा भगवान ब्रह्मा का रूप हैं। एक मान्यता यह भी है कि चांद को दीर्घायु का वरदान प्राप्त है और चांद की पूजा करने से दीर्घायु प्राप्त होती है। साथ ही चद्रंमा को सुंदरता और प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है, यही वजह है कि करवा चौथ के व्रत में महिलाएं छलनी से चांद को देखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।
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RANJANA