कब होता है महालक्ष्मी जी का व्रत, जाने

महालक्ष्मी जी का व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है. इस साल यह व्रत आज है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए मिट्टी का हाथी मनाया जाता है। इसके बाद सभी स्त्रियां मिलकर हाथी की प्रतिमा की पूजा करती हैं। महालक्ष्मी की प्रतिमा रखकर दूब बेल, पत्री व जल को लेकर मां लक्ष्मी की कथा सुनी जाती है। व्रत की कथा किसी योग्य ब्राहमण के द्वारा ही सुनी जाती है। इस व्रत का संबंध भी महा-भारत काल से हैं। मान्यता है कि महार्षि व्यास ने राजरानी गंधारी को यह व्रत रखने के लिए कहा था। तभी से महालक्ष्मी पर व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।

कहा जाता है कि जो महिलाएं ने व्रत को रखती हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख-शांति, धन व पुत्र की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि महालक्ष्मी व्रत के द्वारा द्वापर युग में महारानी कुंती ने अपने पुत्र भीम के माध्यम से राजा मंदिर के यहां से ऐरावत हाथी मंगवाकर लक्ष्मी का पूजन किया था। तब से लक्ष्मीव्रत के दौरान हाथी पूजन की परंपरा विद्यमान है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने वाले की मानें तो यह बहुत महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को रखने से मां लक्ष्मी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में हर प्रकार की समस्याओं का अंत होता है।

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