एसबीआई ने 5 साल में 1.63 लाख करोड़ रुपये के लोन को किया राइट-ऑफ

भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले 5 साल में कई डिफाल्टर कर्जधारकों के करीब 1.63 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को राइट-ऑफ क‍र दिया यानी बट्टा खाते में डाल दिया है. तो वहीँ यह राशि कई निजी बैंकों के कुल बहीखाते से भी ज्यादा है.
बता दे आलोक इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील-बीएसएल (पहले भूषण स्टील), इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, एसकेएस पावर जनरेशन और अबान होल्डिंग ऐसे शीर्ष 10 डिफाल्टर्स में से हैं. शीर्ष 10 डिफाल्टर्स का ही 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया है. साथ ही जिन अन्य कंपनियों का लोन राइट-ऑफ किया गया है उनमें एबीजी शिपयार्ड, टेकप्रो सिस्टम्स, कॉरपोरेट पावर लिमिटेड, मोन्नेट इस्पात ऐंड एनर्जी और रोहित फेरो लिमिटेड शामिल हैं.

वहीँ बता दे किसी कंपनी या ग्राहक के ऐसे कर्ज को बैंक के बहीखाते से राइट-ऑफ किया जाता है या बट्टा खाता में डाल दिया जाता है, जिसके हासिल होने की उम्मीद नहीं होती या बैंकरप्शी कोड के तहत मामला निपटाने की वजह से जिसमें कुछ रियायत दे दी जाती है. इसका मतलब यह है कि बैंक यह मान लेती है कि यह कर्ज डूब चुका है.

POSTED BY : KRITIKA

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