अधूरी है अहोई अष्टमी की पूजा, इस आरती के बिना
आज अहोई अष्टमी मनाई जा रही है. इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु, प्रगति और स्वस्थ जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं. व्रत को रखने से निःसंतान लोगों को विशेष लाभ होता है. महिलाएं इस दिन मां पार्वती के ही एक रूप अहोई माता की पूजा अर्चना करती हैं. मां की पूजा अर्चना के बाद उनकी आरती पढ़ी जाती है. बिना आरती के कोई भी पूजा या व्रत अधूरा माना जाता है. पढ़ें अहोई माता की यह आरती
जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
POSTED BY
RANJANA