अगले साल अंतरिक्ष में इसरो करेगा सबसे बड़ा मिशन पूरा
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग के बाद देश के सबसे बड़े वैज्ञानिक संस्थान के कदम रुके नहीं है. तो वहीँ अब वह ऐसा मिशन करने जा रहा है, जो उसने आज तक नहीं किया. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने कुछ महीने पहले बताया था कि भारत अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा जिसके लिए सबसे जरूरी है दो अंतरिक्षयानों या सैटेलाइट या उपग्रहों को आपस में जोड़ना. तो वहीँ यह मिशन बेहद जटिल है क्यूंकि इसके लिए अत्यधिक निपुणता की आवश्यकता होती है.
साथ ही इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा कि ये वैसा ही है जैसे किसी इमारत को बनाने के लिए हम एक ईंट से दूसरी ईंट को जोड़ते हैं. जब दो छोटी-छोटी चीजें जुड़ती है, तब वो बड़ा आकार बनाती हैं. आपको बता दे इस मिशन का नाम “स्पेडेक्स यानी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट” रखा गया है . अभी इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से 10 करोड़ रुपए मिले हैं. इसके लिए दो प्रायोगिक उपग्रहों को पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा तो वहीँ उन्हें अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा. इस मिशन में सबसे बड़ी जटिलता ये है कि दो सैटेलाइट्स की गति कम करके उन्हें अंतरिक्ष में जोड़ना. अगर गति सही मात्रा में कम नहीं हुई तो ये आपस में टकरा जाएंगे.
POSTED BY : KRITIKA